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"विदाई / रमेश क्षितिज" के अवतरणों में अंतर
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फर्किनेछु कुनै बेला भनिदिनू दौँतरीलाई | फर्किनेछु कुनै बेला भनिदिनू दौँतरीलाई | ||
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20:25, 23 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण
भन्दिनू है चौतारीमा उभिएको बोट
यही बाटो गयो कोही बिसाउँदै चोट
कहाँ होला सपनाको फाँट फूल्ने देश
खोज्दै हिँडे सहँदै यी पाइतालामा ठेस
सम्झाइदिनू मनभरि पीडा धेरै बोकी
ओरालीमा फर्की हेथ्र्यो पाइला रोकीरोकी
असिनाले दाग लायो फूलको थुङ्गाभरि
तैरिँदैछु मनको तलाउ सम्झनाको डुङ्गा चढी
फर्किनेछु कुनै बेला भनिदिनू दौँतरीलाई
साक्षी राखी जान्छु यही ढुङ्गे चौतारीलाई!