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"चेहरा / सिरीचन्द केसवाणी" के अवतरणों में अंतर
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18:22, 1 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण
हुनजी रवाजी समझ के बि
गै़ररवाजी हालतूं पैदा करे
उन खां अगु
हुन जा हवास ‘विफलण’ बंद कन्दा
जेकॾहिं हुन खे कन्तरी ॾिनी वञे
हुन खे याद ॾिसारियो वियो
इहा हुन जे कमज़ोरियुनि जी
बुनियादी ज़रूरत आहे
बुनियादी ज़रूरतुनि जी परीभाषाउनि खे
उदारता सां
फहलाए छॾियो आस पास में
नारनि जा रिकार्ड हलाए
झूमण लॻी हुन जी नाबालिग़ समझ
मुंहिंजो फ़नु मापियो वियो
(काफ़ी नंढो हो)
हालतुनि जा मैजिक आईना फ़िट कया विया-
(मसखि़रो थे लॻो हू)
टेप कयल टहिकनि ते
सभु झूमण लॻा मस्तीअ में-
के शख़्स खु़ुश हुआ
हुननि वटि पंहिंजा चेहरा न हुआ
(हुनजे सहज थियण सां)
माना मिली वेन्दी मुखौटनि खे
चेहरनि सां अनर्थु कीअं जाइजु़ थीन्दो!