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"ज़ेह्नो-दिल से शख़्स जो बेदार है / दरवेश भारती" के अवतरणों में अंतर

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ज़ेह्नो-दिल से शख़्स जो बेदार है
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ज़ेह्नो-दिल से शख़्स जो बेदार है
दरहक़ीक़त वो ही खुदमुख्तार है
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दरहक़ीक़त वो ही खुदमुख़्तार  है
  
आँख मूँदी आ गये तुम सामने
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आँख   मूँदी   गये   वो  सामने
बीच अपने कब कोई दीवार है
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बीच अपने   कब   कोई दीवार है
  
 
रूप-रंग उसका, महक उसकी अदा
 
रूप-रंग उसका, महक उसकी अदा
उसकी यादों से सजा गुलज़ार है
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दिल की दुनिया इनसे ही सरशार है
  
दर्द, ग़म, अरमां, खुशी, मस्ती भरा
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ज़ीस्त में कुछ  कर गुज़रने के लिए
दिल हमारा दिल नहीं बाज़ार है
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आश्नाई  खुद  से  भी  दरकार  है
  
ज़ीस्त में कुछ कर गुज़रने के लिए
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दर्द, ग़म, हसरत, मसर्रत  से भरा
आशनाई खुद से भी दरकार है
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दिल  हमारा  दिल  नहीं  बाज़ार है
  
दर्द की शिद्दत के बढ़ने से लगा
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दर्द की शिद्दत के बढ़ने पर लगा
ये तो कोई लादवा आज़ार है
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ये तो कोई लाइलाज  आज़ार है
  
 
जिसने भी 'दरवेश' हिम्मत हार दी
 
जिसने भी 'दरवेश' हिम्मत हार दी
ज़िन्दगी उसके लिए दुश्वार है
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ज़िन्दगी   उसके लिए   दुश्वार है
 
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19:27, 14 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

ज़ेह्नो-दिल से शख़्स जो बेदार है
दरहक़ीक़त वो ही खुदमुख़्तार है

आँख मूँदी आ गये वो सामने
बीच अपने कब कोई दीवार है

रूप-रंग उसका, महक उसकी अदा
दिल की दुनिया इनसे ही सरशार है

ज़ीस्त में कुछ कर गुज़रने के लिए
आश्नाई खुद से भी दरकार है

दर्द, ग़म, हसरत, मसर्रत से भरा
दिल हमारा दिल नहीं बाज़ार है

दर्द की शिद्दत के बढ़ने पर लगा
ये तो कोई लाइलाज आज़ार है

जिसने भी 'दरवेश' हिम्मत हार दी
ज़िन्दगी उसके लिए दुश्वार है