Changes

ज़िन्दगी / जय प्रकाश लीलवान

5 bytes removed, 14:30, 20 नवम्बर 2017
ज़िन्दगी नहीं होता।
 बाज़ार की मृत -मखमल को ओढ़कर
देवताओं को दिए गए
अर्ध्यों की मूर्खता या ढोंग
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,707
edits