[[चित्र:Kavita-kosh-calendar-2018.jpg|center|800px]]<br><br>कविता कोश महत्त्वपूर्ण है लेकिन उससे भी कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण सब है इससे जुड़े सभी स्वयंसेवक साथी और हमारी निस्वार्थ स्वयंसेवा की भावना है। भावना। कविता कोश से जुड़े लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष इससे कोई भी आर्थिक लाभ नहीं पाते लेकिन फिर भी हम अपने मन की संतुष्टि के लिए अथक कार्य में जुटे रहते हैं।यही बात कविता कोश को एक अद्वितीय परियोजना बनाती है।
हमारे ऐसे ही एक अथक स्वयंसेवी कार्य का परिणाम है '''कविता कोश कैलेण्डर 2018'''... इस शानदार कैलेण्डर को आप सबके सामने रखते हुए मुझे हमें गर्व हो रहा है अपने साथियों पर... कुमार अमित और शारदा सुमन इस कैलेण्डर परियोजना के सूत्रधार रहे हैं।
हिन्दी साहित्य के बारे में शायद आज तक ऐसा भव्य कैलेण्डर नहीं बना है।
* यह कैलेण्डर विश्व पुस्तक मेला (6 - 14 जनवरी 2018) में कविता कोश के स्टॉल पर उपलब्ध रहेगा। आप कविता कोश के लिए सहयोग राशि देकर इस कैलेण्डर को अवश्य लें। आपके द्वारा दिया गया आर्थिक सहयोग कविता कोश परियोजना के लिए ऑक्सीजन की तरह काम करता है।
* यह कैलेण्डर दो रूपों में उपलब्ध होगा: '''दीवार कैलेण्डर ''' और '''टेबल कैलेण्डर'''... हालांकि हम इन्हें ऑनलाइन खरीद के लिए उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन विश्व पुस्तक मेला इसे पाने का सबसे आसान तरीका सरल रास्ता है। यदि आप मेले में नहीं आ रहे हैं तो मेले में आने वाले अपने किसी मित्र से आग्रह करें कि वह कैलेण्डर लेकर आप तक पहुँचा दे। आपसे प्राप्त सहायता राशि को कविता कोश के विकास में प्रयोग किया जाएगा।