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उसकी थकान / मनमोहन
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|संग्रह=जिल्लत की रोटी / मनमोहन
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<poem>
यह उस स्त्री की थकान थी
कि वह हंस कर रह जाती थी
यह उस स्त्री की थकान थी <br>
कि वह हंस कर रह जाती थी <br><br>
जबकि
<br>
वे समझते थे
<br>
कि अंततः उसने उन्हें
<br>
क्षमा कर दिया !
</poem>
Sharda suman
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