भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"किस ओर मैं? किस ओर मैं? / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 21: | पंक्ति 21: | ||
है एक ओर सुरम्य थल, | है एक ओर सुरम्य थल, | ||
− | पर लहरों से ग्रसा, यह भी नहीं मैं जानता- | + | पर आज लहरों से ग्रसा, यह भी नहीं मैं जानता- |
ओर मैं? किस ओर मैं? | ओर मैं? किस ओर मैं? | ||
पंक्ति 30: | पंक्ति 30: | ||
है जीत एक तरफ खड़ी, | है जीत एक तरफ खड़ी, | ||
− | संघर्ष-जीवन में धँसा यह भी नहीं मैं जानता- | + | संघर्ष-जीवन में धँसा, यह भी नहीं मैं जानता- |
ओर मैं? किस ओर मैं? | ओर मैं? किस ओर मैं? |
16:30, 27 सितम्बर 2009 का अवतरण
ओर मैं? किस ओर मैं?
है एक ओर असित निशा,
है एक ओर अरुण दिशा,
पर आज स्वप्नों में फँसा, यह भी नहीं मैं जानता-
ओर मैं? किस ओर मैं?
है एक ओर अगम्य जल,
है एक ओर सुरम्य थल,
पर आज लहरों से ग्रसा, यह भी नहीं मैं जानता-
ओर मैं? किस ओर मैं?
है हार एक तरफ पड़ी,
है जीत एक तरफ खड़ी,
संघर्ष-जीवन में धँसा, यह भी नहीं मैं जानता-
ओर मैं? किस ओर मैं?