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"विष का स्‍वाद बताना होगा / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर

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फेर पुतलियाँ कर-पग ऐंठा,
 
फेर पुतलियाँ कर-पग ऐंठा,
  
यह कोई का सकता, मुर्दे तुझको अब उठ गाना होगा!
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यह कोई कह सकता, मुर्दे तुझको अब उठ गाना होगा!
  
 
विष का स्‍वाद बताना होगा!
 
विष का स्‍वाद बताना होगा!

19:26, 26 सितम्बर 2009 का अवतरण

विष का स्‍वाद बताना होगा!


ढाली थी मदिरा की प्‍याली,

चूसी थी अधरों की लाली,

कालकूट आने वाला अब, देख नहीं घबराना होगा!

विष का स्‍वाद बताना होगा!


आँखों से यदि अश्रु छनेगा,

कटुतर यह कटु पेय बनेगा,

ऐसे पी सकता है कोई, तुझको पी मुसकाना होगा!

विष का स्‍वाद बताना होगा!


गरल पान करके तू बैठा,

फेर पुतलियाँ कर-पग ऐंठा,

यह कोई कह सकता, मुर्दे तुझको अब उठ गाना होगा!

विष का स्‍वाद बताना होगा!