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"अझका दानव / उमेश बहादुरपुरी" के अवतरणों में अंतर

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खुदा समझ के जिनखर इहाँ करऽ हथ सब पूजा।
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खुदा समझ के जिनखर इहाँ करऽ हथ सब पूजा
हमर समझ से दानव हथ अप्पन डाक्टर डिसूजा।।
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हमर समझ से दानव हथ अप्पन डाक्टर डिसूजा
कलतक जे रक्षक हलथिन आझ बन गेला भक्षक।
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कलतक जे रक्षक हलथिन आझ बन गेला भक्षक
बिच्छू-जहर हे मीठा ई डँस रहल बनके तक्षक।
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बिच्छू-जहर हे मीठा ई डँस रहल बनके तक्षक
इनखा जइसन पापी न´् ई धरती पर दूजा।।
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इनखा जइसन पापी नञ् ई धरती पर दूजा
नंगा-भूक्खा तो इहाँ हइये हल कमीशनखोर।
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नंगा-भूक्खा तो इहाँ हइये हल कमीशनखोर
भरल-पुरल रहला पर भी ई हथ बिन्हाँ चोर।
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भरल-पुरल रहला पर भी ई हथ बिन्हाँ चोर
खिलल-कली की कउन कहे बस इनखा चाहि चूजा।।
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खिलल-कली की कउन कहे बस इनखा चाहि चूजा
बिन मतलब के जाँच लिखऽ हथ बने लेई धनवान।
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बिन मतलब के जाँच लिखऽ हथ बने लेई धनवान
भोली-भाली जनता हे इहाँ इनखा से परेशान।
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भोली-भाली जनता हे इहाँ इनखा से परेशान
मरल-मरल के खून चूस बनगेला ई खरबूजा।।
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मरल-मरल के खून चूस बनगेला ई खरबूजा
सतरह दवाई लिक्खे पर कोय त फायदा करबे करतै।
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सतरह दवाई लिक्खे पर कोय त फायदा करबे करतै
मरऽ हे कोयी मरल करे इनखर झोली भरवे करतै।
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मरऽ हे कोयी मरल करे इनखर झोली भरवे करतै
खून बिना हे रोगी पीअर इनखर रेत्र सबूजा।।
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खून बिना हे रोगी पीअर इनखर रेत्र सबूजा
पत्थर जइसन लोग इहाँ होबऽ हथ बेजान।
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पत्थर जइसन लोग इहाँ होबऽ हथ बेजान
जिनखा तूँ इंसाँ समझे हे ऊ महाशइतान।
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जिनखा तूँ इंसाँ समझे हे ऊ महाशइतान
खास कहल जाहे जिनखा ऊ सब हथ आहूजा।
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खास कहल जाहे जिनखा ऊ सब हथ आहूजा
  
 
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14:36, 13 मार्च 2019 के समय का अवतरण

खुदा समझ के जिनखर इहाँ करऽ हथ सब पूजा
हमर समझ से दानव हथ अप्पन डाक्टर डिसूजा
कलतक जे रक्षक हलथिन आझ बन गेला भक्षक
बिच्छू-जहर हे मीठा ई डँस रहल बनके तक्षक
इनखा जइसन पापी नञ् ई धरती पर दूजा
नंगा-भूक्खा तो इहाँ हइये हल कमीशनखोर
भरल-पुरल रहला पर भी ई हथ बिन्हाँ चोर
खिलल-कली की कउन कहे बस इनखा चाहि चूजा
बिन मतलब के जाँच लिखऽ हथ बने लेई धनवान
भोली-भाली जनता हे इहाँ इनखा से परेशान
मरल-मरल के खून चूस बनगेला ई खरबूजा
सतरह दवाई लिक्खे पर कोय त फायदा करबे करतै
मरऽ हे कोयी मरल करे इनखर झोली भरवे करतै
खून बिना हे रोगी पीअर इनखर रेत्र सबूजा
पत्थर जइसन लोग इहाँ होबऽ हथ बेजान
जिनखा तूँ इंसाँ समझे हे ऊ महाशइतान
खास कहल जाहे जिनखा ऊ सब हथ आहूजा