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"होथौं तोरे नाम / ब्रह्मदेव कुमार" के अवतरणों में अंतर
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रखियोॅ लाज हमरोॅ बातोॅ के। | रखियोॅ लाज हमरोॅ बातोॅ के। | ||
अनपढ़-निरक्षर भैया-भौजी के | अनपढ़-निरक्षर भैया-भौजी के | ||
− | भाग खुललौं आबेॅ टाटोॅ | + | भाग खुललौं आबेॅ टाटोॅ केॅ। |
पैंट-शर्ट जुŸाा-घड़ी पिन्ही केॅ | पैंट-शर्ट जुŸाा-घड़ी पिन्ही केॅ | ||
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दोसरां कन जाय केॅ टी वी देखथौं । | दोसरां कन जाय केॅ टी वी देखथौं । | ||
पूछबौं कि कुछु बुझै छोॅ भौजी | पूछबौं कि कुछु बुझै छोॅ भौजी | ||
− | लाजोॅ सेॅ दाँत ठिठियाय | + | लाजोॅ सेॅ दाँत ठिठियाय देथौं। |
भैया-भौजी केॅ करौं प्रणाम | भैया-भौजी केॅ करौं प्रणाम | ||
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ओकरा सेॅ होथौं तोरे नाम। | ओकरा सेॅ होथौं तोरे नाम। | ||
दस बीच दसखत करी केॅ भैया | दस बीच दसखत करी केॅ भैया | ||
− | मोंछ घुमाय दोॅ रटियाय | + | मोंछ घुमाय दोॅ रटियाय केॅ। |
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23:16, 2 मई 2019 के समय का अवतरण
सुनोॅ हो लोग सब हाटोॅ के
रखियोॅ लाज हमरोॅ बातोॅ के।
अनपढ़-निरक्षर भैया-भौजी के
भाग खुललौं आबेॅ टाटोॅ केॅ।
पैंट-शर्ट जुŸाा-घड़ी पिन्ही केॅ
राज कुमारे जैसनोॅ चलथौं
दसखत करै लेॅ कहबोॅ तेॅ भैया
अंगुठा तुरत बढ़ाय केॅ देथौं।
पढ़ै-लिखै लेॅ कुछु जों कहबोॅ
हँसी-हँसी केॅ दाँत बिदोरथौं
गज्जी साड़ी पिन्ही केॅ भौजी
श्री देवी के जैसनोॅ लागथौं
वोहोॅ भुसगोल छै भैये नांकी
दोसरां कन जाय केॅ टी वी देखथौं ।
पूछबौं कि कुछु बुझै छोॅ भौजी
लाजोॅ सेॅ दाँत ठिठियाय देथौं।
भैया-भौजी केॅ करौं प्रणाम
पढ़ै-लिखै के करोॅ तों काम
पढ़ी-लिखी केॅ शिक्षित बनोॅ
ओकरा सेॅ होथौं तोरे नाम।
दस बीच दसखत करी केॅ भैया
मोंछ घुमाय दोॅ रटियाय केॅ।