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+ | बड़ी हो गई | ||
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+ | असमय भूली वो | ||
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+ | नीम की छाँव | ||
+ | गर्मी की दोपहरी | ||
+ | गुट्टी खेलना | ||
+ | भाई-बहनों संग | ||
+ | जब अम्माँ सो जाती। | ||
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+ | बिन बात के | ||
+ | लड़ना-झगड़ना | ||
+ | चिल्ला के रोना | ||
+ | फिर माँ की धौल खा | ||
+ | इकठ्ठे बैठ रोना । | ||
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+ | भूली न जाएँ | ||
+ | बचपन की बातें | ||
+ | दोस्तों के संग | ||
+ | लड़ना-झगड़ना | ||
+ | फिर एक हो जाना । | ||
+ | 8 | ||
+ | बेटी का मन | ||
+ | पराया नहीं होता | ||
+ | न तो पहले, | ||
+ | न शादी के बाद ही | ||
+ | कैसे कहे पराया ? | ||
+ | 9 | ||
+ | चिड़िया बन | ||
+ | आँगन में फुदके | ||
+ | खिलखिलाए | ||
+ | बहे ठण्डी हवा-सी | ||
+ | दूर देश को जाए । | ||
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20:12, 13 जून 2020 के समय का अवतरण
1
वो हरा पेड़
डोलता तो कहता
मैं दोस्त तेरा
काटा मुझे जो तूने
लगा पीठ में छुरा ।
2
पोपला मुँह
दादी बैठी उदास
चूल्हे के पास
लड्डू-मठ्ठी बाँधती
पोता ले जाए साथ ।
3
हँसती बेटी
आँगन महकाती
बड़ी हो गई
परदेसी हो गई
बाबुल राह तके ।
4
बड़ी बहन
सँभालती छोटी को
बड़ी हो गई
असमय भूली वो
बचपन अपना ।
5
नीम की छाँव
गर्मी की दोपहरी
गुट्टी खेलना
भाई-बहनों संग
जब अम्माँ सो जाती।
6
बिन बात के
लड़ना-झगड़ना
चिल्ला के रोना
फिर माँ की धौल खा
इकठ्ठे बैठ रोना ।
7
भूली न जाएँ
बचपन की बातें
दोस्तों के संग
लड़ना-झगड़ना
फिर एक हो जाना ।
8
बेटी का मन
पराया नहीं होता
न तो पहले,
न शादी के बाद ही
कैसे कहे पराया ?
9
चिड़िया बन
आँगन में फुदके
खिलखिलाए
बहे ठण्डी हवा-सी
दूर देश को जाए ।