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"घन गरजत बरसत है मिहरा / शिवदीन राम जोशी" के अवतरणों में अंतर

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घन गरजत बरसत है मिहरा  
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घन गरजत बरसत है मिहरा
 
बिजरी चमके डर मोहि लागे, प्यारा लगेरी मिहरा
 
बिजरी चमके डर मोहि लागे, प्यारा लगेरी मिहरा
 
दादुर मोर पपिहरा बोले, आम की डाल कोयालियाँ बोले  
 
दादुर मोर पपिहरा बोले, आम की डाल कोयालियाँ बोले  

20:01, 18 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण

घन गरजत बरसत है मिहरा
बिजरी चमके डर मोहि लागे, प्यारा लगेरी मिहरा
दादुर मोर पपिहरा बोले, आम की डाल कोयालियाँ बोले
पिहू-पिहू सबद सुनो श्रवनन से, मानत ना सखी ये मिहरा
सोय रही रतियाँ अंधियारी, नींद उड़ी नैनन ते प्यारी
मोरे श्याम श्याम ना घर पर, सोयी जगावत ये मिहरा
कहूँ किसे मन ना सखी लागे, बिरहनि रैनन में नित जागे
कहे शिवदीन राधिका अेकली, क्यूँ बरसत है ये मिहरा
आ नंदलाल पार रही हेला, मैं अलबेली तू अलबेला
आजा तपन बुझा जा मन की, देखूँ बरसे ये मिहरा