"बाप का बीस लाख फूँक कर / शैल चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
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जो जितनी सफाई से माँगे | जो जितनी सफाई से माँगे | ||
उतना ही बड़ा एक्टर है | उतना ही बड़ा एक्टर है | ||
− | ये भिखारियों का | + | ये भिखारियों का देश है |
लीजिए! भिखारियों की लिस्ट पेश है | लीजिए! भिखारियों की लिस्ट पेश है | ||
धंधा माँगने वाला भिखारी | धंधा माँगने वाला भिखारी | ||
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जो एक वोट के लिए | जो एक वोट के लिए | ||
दर-दर नाक रगड़ते हैं | दर-दर नाक रगड़ते हैं | ||
− | घिस जाने पर रबर की | + | घिस जाने पर रबर की ख़रीद लाते हैं |
और उपदेशों की पोथियाँ खोलकर | और उपदेशों की पोथियाँ खोलकर | ||
महंत बन जाते हैं। | महंत बन जाते हैं। | ||
लोग तो एक बिल्ला से परेशान हैं | लोग तो एक बिल्ला से परेशान हैं | ||
यहाँ सैकड़ों बिल्ले | यहाँ सैकड़ों बिल्ले | ||
− | खरगोश की खाल में देश के हर कोने में विराजमान हैं। | + | खरगोश की खाल में |
− | + | देश के हर कोने में विराजमान हैं। | |
हम भिखारी ही सही | हम भिखारी ही सही | ||
मगर राजनीति समझते हैं | मगर राजनीति समझते हैं | ||
− | रही | + | रही अख़बार पढ़ने की बात |
तो अच्छे-अच्छे लोग | तो अच्छे-अच्छे लोग | ||
माँग कर पढ़ते हैं | माँग कर पढ़ते हैं | ||
समाचार तो समाचार | समाचार तो समाचार | ||
− | लोग बाग पड़ोसी से | + | लोग-बाग पड़ोसी से |
अचार तक माँग लाते हैं | अचार तक माँग लाते हैं | ||
रहा विचार! | रहा विचार! | ||
तो वह बेचारा | तो वह बेचारा | ||
महँगाई के मरघट में | महँगाई के मरघट में | ||
− | + | मुर्दे की तरह दफ़न हो गया है। | |
समाजवाद का झंडा | समाजवाद का झंडा | ||
− | हमारे लिए | + | हमारे लिए क़फ़न हो गया है |
− | कूड़ा खा रहे हैं और बदबू पी रहे हैं | + | सत्य बहुत कड़वा होता है |
+ | कभी झोपड़ियों में झांककर देखिए | ||
+ | लोग किस तरह जी रहे हैं | ||
+ | कूड़ा खा रहे हैं | ||
+ | और बदबू पी रहे हैं | ||
उनका फोटो खींचकर | उनका फोटो खींचकर | ||
फिल्म वाले लाखों कमाते हैं | फिल्म वाले लाखों कमाते हैं | ||
पंक्ति 66: | पंक्ति 70: | ||
भूतपूर्व प्रोड्यूसर खड़ा है | भूतपूर्व प्रोड्यूसर खड़ा है | ||
बाप का बीस लाख फूँक कर | बाप का बीस लाख फूँक कर | ||
− | हाथ में कटोरा पकड़ा!" | + | हाथ में कटोरा पकड़ा है!" |
हमने पाँच रुपए उसके | हमने पाँच रुपए उसके | ||
हाथ में रखते हुए कहा- | हाथ में रखते हुए कहा- | ||
− | "हम भी फिल्मों में ट्राई कर रहे हैं !" | + | "हम भी फिल्मों में ट्राई कर रहे हैं भाई!" |
वह बोला, "आपकी रक्षा करें दुर्गा माई | वह बोला, "आपकी रक्षा करें दुर्गा माई | ||
आपके लिए दुआ करूँगा | आपके लिए दुआ करूँगा | ||
लग गई तो ठीक | लग गई तो ठीक | ||
वरना आपके पाँच में अपने पाँच मिला कर | वरना आपके पाँच में अपने पाँच मिला कर | ||
− | दस आपके हाथ पर धर दूँगा !" | + | दस आपके हाथ पर धर दूँगा!" |
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09:28, 4 मई 2009 के समय का अवतरण
लोकल ट्रेन से उतरते ही
हमने सिगरेट जलाने के लिए
एक साहब से माचिस माँगी
तभी किसी भिखारी ने
हमारी तरफ हाथ बढ़ाया
हमने कहा-
"भीख माँगते शर्म नहीं आती?"
वो बोला-
"माचिस माँगते आपको आयी थी क्या"
बाबूजी! माँगना देश का करेक्टर है
जो जितनी सफाई से माँगे
उतना ही बड़ा एक्टर है
ये भिखारियों का देश है
लीजिए! भिखारियों की लिस्ट पेश है
धंधा माँगने वाला भिखारी
चंदा माँगने वाला
दाद माँगने वाला
औलाद माँगने वाला
दहेज माँगने वाला
नोट माँगने वाला
और तो और
वोट माँगने वाला
हमने काम माँगा
तो लोग कहते हैं चोर है
भीख माँगी तो कहते हैं
कामचोर है
उनसे कुछ नहीं कहते
जो एक वोट के लिए
दर-दर नाक रगड़ते हैं
घिस जाने पर रबर की ख़रीद लाते हैं
और उपदेशों की पोथियाँ खोलकर
महंत बन जाते हैं।
लोग तो एक बिल्ला से परेशान हैं
यहाँ सैकड़ों बिल्ले
खरगोश की खाल में
देश के हर कोने में विराजमान हैं।
हम भिखारी ही सही
मगर राजनीति समझते हैं
रही अख़बार पढ़ने की बात
तो अच्छे-अच्छे लोग
माँग कर पढ़ते हैं
समाचार तो समाचार
लोग-बाग पड़ोसी से
अचार तक माँग लाते हैं
रहा विचार!
तो वह बेचारा
महँगाई के मरघट में
मुर्दे की तरह दफ़न हो गया है।
समाजवाद का झंडा
हमारे लिए क़फ़न हो गया है
सत्य बहुत कड़वा होता है
कभी झोपड़ियों में झांककर देखिए
लोग किस तरह जी रहे हैं
कूड़ा खा रहे हैं
और बदबू पी रहे हैं
उनका फोटो खींचकर
फिल्म वाले लाखों कमाते हैं
झोपड़ी की बात करते हैं
मगर जुहू में बँगला बनवाते हैं।
हमने कहा "फिल्म वालों से
तुम्हारा क्या झगड़ा है ?"
वो बोला-
"आपके सामने भिखारी नहीं
भूतपूर्व प्रोड्यूसर खड़ा है
बाप का बीस लाख फूँक कर
हाथ में कटोरा पकड़ा है!"
हमने पाँच रुपए उसके
हाथ में रखते हुए कहा-
"हम भी फिल्मों में ट्राई कर रहे हैं भाई!"
वह बोला, "आपकी रक्षा करें दुर्गा माई
आपके लिए दुआ करूँगा
लग गई तो ठीक
वरना आपके पाँच में अपने पाँच मिला कर
दस आपके हाथ पर धर दूँगा!"