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उड़ चुकी है | उड़ चुकी है |
23:53, 19 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण
उड़ चुकी है
गिरे हुए तारे की धूल
पृथ्वी की ओर
करुणा के क्षण वह निकला होगा सुबह के आसमान से
गेहूँ घास पर
ईश्वर-सा तारल्य उतर रहा था
'देहतारा'
'भोरतारा'
ईंधन चुनती हुई लड़कियों मे कहा
'मेरे वन में तेरी मृत्यु मेरी ही मृत्यु है'