"आओ बच्चों तुम्हें दिखाएँ / प्रदीप" के अवतरणों में अंतर
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− | आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की< | + | आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की<br> |
− | इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की< | + | इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की<br> |
− | वंदे मातरम ...< | + | वंदे मातरम ...<br> <br> |
− | उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है< | + | उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है<br> |
− | दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है< | + | दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है<br> |
− | जमुना जी के तट को देखो गंगा का ये घाट है< | + | जमुना जी के तट को देखो गंगा का ये घाट है<br> |
− | बाट-बाट पे हाट-हाट में यहाँ निराला ठाठ है< | + | बाट-बाट पे हाट-हाट में यहाँ निराला ठाठ है<br> |
− | देखो ये तस्वीरें अपने गौरव की अभिमान की,< | + | देखो ये तस्वीरें अपने गौरव की अभिमान की,<br> |
− | इस मिट्टी से ...< | + | इस मिट्टी से ...<br> <br> |
− | ये है अपना राजपूताना नाज़ इसे तलवारों पे< | + | ये है अपना राजपूताना नाज़ इसे तलवारों पे<br> |
− | इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे< | + | इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे<br> |
− | ये प्रताप का वतन पला है आज़ादी के नारों पे< | + | ये प्रताप का वतन पला है आज़ादी के नारों पे<br> |
− | कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों पद्मिनियाँ अंगारों पे< | + | कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों पद्मिनियाँ अंगारों पे<br> |
− | बोल रही है कण कण से कुरबानी राजस्थान की< | + | बोल रही है कण कण से कुरबानी राजस्थान की<br> |
− | इस मिट्टी से ...< | + | इस मिट्टी से ...<br> <br> |
− | देखो मुल्क मराठों का ये यहाँ शिवाजी डोला था< | + | देखो मुल्क मराठों का ये यहाँ शिवाजी डोला था<br> |
− | मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था< | + | मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था<br> |
− | हर पावत पे आग लगी थी हर पत्थर एक शोला था< | + | हर पावत पे आग लगी थी हर पत्थर एक शोला था<br> |
− | बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था< | + | बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था<br> |
− | यहाँ शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की< | + | यहाँ शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की<br> |
− | इस मिट्टी से ...< | + | इस मिट्टी से ...<br> <br> |
− | जलियाँ वाला बाग ये देखो यहाँ चली थी गोलियाँ< | + | जलियाँ वाला बाग ये देखो यहाँ चली थी गोलियाँ<br> |
− | ये मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलियाँ< | + | ये मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलियाँ<br> |
− | एक तरफ़ बंदूकें दन दन एक तरफ़ थी टोलियाँ< | + | एक तरफ़ बंदूकें दन दन एक तरफ़ थी टोलियाँ<br> |
− | मरनेवाले बोल रहे थे इनक़लाब की बोलियाँ< | + | मरनेवाले बोल रहे थे इनक़लाब की बोलियाँ<br> |
− | यहाँ लगा दी बहनों ने भी बाजी अपनी जान की< | + | यहाँ लगा दी बहनों ने भी बाजी अपनी जान की<br> |
− | इस मिट्टी से ...< | + | इस मिट्टी से ...<br> <br> |
− | ये देखो बंगाल यहाँ का हर चप्पा हरियाला है< | + | ये देखो बंगाल यहाँ का हर चप्पा हरियाला है<br> |
− | यहाँ का बच्चा-बच्चा अपने देश पे मरनेवाला है< | + | यहाँ का बच्चा-बच्चा अपने देश पे मरनेवाला है<br> |
− | ढाला है इसको बिजली ने भूचालों ने पाला है< | + | ढाला है इसको बिजली ने भूचालों ने पाला है<br> |
− | मुट्ठी में तूफ़ान बंधा है और प्राण में ज्वाला है< | + | मुट्ठी में तूफ़ान बंधा है और प्राण में ज्वाला है<br> |
− | जन्मभूमि है यही हमारे वीर सुभाष महान की< | + | जन्मभूमि है यही हमारे वीर सुभाष महान की<br> |
− | इस मिट्टी से ...< | + | इस मिट्टी से ...<br><br> |
17:58, 14 अगस्त 2006 का अवतरण
लेखक: प्रदीप
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आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम ...
उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है
दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है
जमुना जी के तट को देखो गंगा का ये घाट है
बाट-बाट पे हाट-हाट में यहाँ निराला ठाठ है
देखो ये तस्वीरें अपने गौरव की अभिमान की,
इस मिट्टी से ...
ये है अपना राजपूताना नाज़ इसे तलवारों पे
इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे
ये प्रताप का वतन पला है आज़ादी के नारों पे
कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों पद्मिनियाँ अंगारों पे
बोल रही है कण कण से कुरबानी राजस्थान की
इस मिट्टी से ...
देखो मुल्क मराठों का ये यहाँ शिवाजी डोला था
मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था
हर पावत पे आग लगी थी हर पत्थर एक शोला था
बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था
यहाँ शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की
इस मिट्टी से ...
जलियाँ वाला बाग ये देखो यहाँ चली थी गोलियाँ
ये मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलियाँ
एक तरफ़ बंदूकें दन दन एक तरफ़ थी टोलियाँ
मरनेवाले बोल रहे थे इनक़लाब की बोलियाँ
यहाँ लगा दी बहनों ने भी बाजी अपनी जान की
इस मिट्टी से ...
ये देखो बंगाल यहाँ का हर चप्पा हरियाला है
यहाँ का बच्चा-बच्चा अपने देश पे मरनेवाला है
ढाला है इसको बिजली ने भूचालों ने पाला है
मुट्ठी में तूफ़ान बंधा है और प्राण में ज्वाला है
जन्मभूमि है यही हमारे वीर सुभाष महान की
इस मिट्टी से ...