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"नसीम तेरी क़बा / अली सरदार जाफ़री" के अवतरणों में अंतर
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हया का रंग रिदाए-बहार१ उढा़ता है | हया का रंग रिदाए-बहार१ उढा़ता है |
10:02, 6 नवम्बर 2009 का अवतरण
नसीम तेरी क़बा, बूए-गुल है पैराहन
हया का रंग रिदाए-बहार१ उढा़ता है
तेरे बदन का चमन ऐसे जगमगाता है
कि जैसे सैले-सहत, जैसे नूर का दामन
सितारे डूबत हैं चाँद झिलमिलाता है
१.बहार की चादर