भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पिल्ला / काका हाथरसी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार=काका हाथरसी | |रचनाकार=काका हाथरसी | ||
}} | }} | ||
+ | {{KKCatKavita}} | ||
[[Category:हास्य रस]] | [[Category:हास्य रस]] | ||
+ | <poem> | ||
पिल्ला बैठा कार में, मानुष ढोवें बोझ | पिल्ला बैठा कार में, मानुष ढोवें बोझ | ||
− | |||
भेद न इसका मिल सका, बहुत लगाई खोज | भेद न इसका मिल सका, बहुत लगाई खोज | ||
− | |||
बहुत लगाई खोज, रोज़ साबुन से न्हाता | बहुत लगाई खोज, रोज़ साबुन से न्हाता | ||
− | |||
देवी जी के हाथ, दूध से रोटी खाता | देवी जी के हाथ, दूध से रोटी खाता | ||
− | |||
कहँ 'काका' कवि, माँगत हूँ वर चिल्ला-चिल्ला | कहँ 'काका' कवि, माँगत हूँ वर चिल्ला-चिल्ला | ||
− | |||
पुनर्जन्म में प्रभो! बनाना हमको पिल्ला | पुनर्जन्म में प्रभो! बनाना हमको पिल्ला | ||
+ | </poem> |
00:25, 29 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
पिल्ला बैठा कार में, मानुष ढोवें बोझ
भेद न इसका मिल सका, बहुत लगाई खोज
बहुत लगाई खोज, रोज़ साबुन से न्हाता
देवी जी के हाथ, दूध से रोटी खाता
कहँ 'काका' कवि, माँगत हूँ वर चिल्ला-चिल्ला
पुनर्जन्म में प्रभो! बनाना हमको पिल्ला