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"एलान-ए-जंग / अली सरदार जाफ़री" के अवतरणों में अंतर

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गांधी जी जंग का एलान कर दिया
 
गांधी जी जंग का एलान कर दिया
 
 
बातिल से हक़ को दस्त-ओ-गरीबान कर दिया
 
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हिन्दुस्तान में इक नयी रूह फूंककर
 
हिन्दुस्तान में इक नयी रूह फूंककर
 
 
आज़ादी-ए-हयात का सामान कर दिया
 
आज़ादी-ए-हयात का सामान कर दिया
  
 
शेख़ और बिरहमन में बढ़ाया इत्तिहाद
 
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गोया उन्हें दो कालिब-ओ-यकजान कर दिया
 
गोया उन्हें दो कालिब-ओ-यकजान कर दिया
  
 
ज़ुल्मो-सितम की नाव डुबोने के वास्ते
 
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क़तरे को आंखों-आंखों में तूफ़ान कर दिया
 
क़तरे को आंखों-आंखों में तूफ़ान कर दिया
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23:27, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

गांधी जी जंग का एलान कर दिया
बातिल से हक़ को दस्त-ओ-गरीबान कर दिया

हिन्दुस्तान में इक नयी रूह फूंककर
आज़ादी-ए-हयात का सामान कर दिया

शेख़ और बिरहमन में बढ़ाया इत्तिहाद
गोया उन्हें दो कालिब-ओ-यकजान कर दिया

ज़ुल्मो-सितम की नाव डुबोने के वास्ते
क़तरे को आंखों-आंखों में तूफ़ान कर दिया