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"बीती ताहि बिसारि दे / गिरिधर" के अवतरणों में अंतर

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कह 'गिरिधर कविराय यहै करु मन परतीती।
 
कह 'गिरिधर कविराय यहै करु मन परतीती।
 
आगे को सुख समुझि, होइ बीती सो बीती॥
 
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19:17, 10 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण

बीती ताहि बिसारि दे, आगे की सुधि लेइ।
जो बनि आवै सहज में, ताही में चित देइ॥

ताही में चित देइ, बात जोई बनि आवै।
दुर्जन हंसे न कोइ, चित्त मैं खता न पावै॥

कह 'गिरिधर कविराय यहै करु मन परतीती।
आगे को सुख समुझि, होइ बीती सो बीती॥