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| * [[तू ही को चाहत वे चित मौ अरु तू ही हियो उनपै ललचावत / नेवाज़]] | * [[तू ही को चाहत वे चित मौ अरु तू ही हियो उनपै ललचावत / नेवाज़]] | ||
| * [[आगे तौ कींन्हीं लगालगी लोयन / नेवाज़]] | * [[आगे तौ कींन्हीं लगालगी लोयन / नेवाज़]] | ||
| + | * [[ देख हमैं सब आपुस में जो कुछ मन भावै सोई कहती हैं / नेवाज़]] | ||
13:51, 5 अक्टूबर 2012 का अवतरण
नेवाज़
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| जन्म | 1682 | 
|---|---|
| निधन | अज्ञात | 
| जन्म स्थान | |
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| शकुंतला-नाटक, छत्रसाल-बिरुदावली। | |
| विविध | |
| रीतिकाल के कवि | |
| जीवन परिचय | |
| नेवाज़ / परिचय | |
 
	
	


