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"सदस्य वार्ता:अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर

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--[[सदस्य:सम्यक|सम्यक]] १६:०६, २६ सितम्बर २००९ (UTC)
 
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जनविजय जी! मैंने बच्चन जी के संग्रह ’एकांत-संगीत’ का टंकन पूरा कर लिया है अब आकुल अंतर की रचनाएँ टंकित करने जा रहा हूँ। धन्यवाद।
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जनविजय जी! मैंने बच्चन जी के संग्रह ’एकांत-संगीत’ का टंकन पूरा कर लिया है अब आकुल अंतर की रचनाएँ टंकित करने जा रहा हूँ। सादर - [[धर्मेन्द्र कुमार सिंह]]
- [[धर्मेन्द्र कुमार सिंह]]
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23:27, 29 सितम्बर 2009 का अवतरण

आपका ये नया अकाउंट बनाने की वजह क्या आपके देवनागरी में दस्तख़त करने का इरादा तो नहीं? मैंने देखा है कि कभी आप दस्तख़त नहीं करते, और अपने नाम के लिंक और समय ख़ुद ही लिखते हैं। ~~~~ ये चार बार ~ आप अपने संदेशों में अंत में लिख देंगे तो आपके परिचय वाले पन्ने का लिंक और यूटीसी (=जीऐमटी=भारत-5:30=रूस-3:00) में समय आता है। पुराने वाले अकाउंट में जाकर, अब आप हिंदी में दस्तख़त करना चाहते हैं तो my prference-->सदस्य व्यक्तिरेखा-->कच्चा दस्तख़त में, अगर आप विकिपीडिया जैसे दस्तख़त चाहते हैं तो [[सदस्य:Anil janvijay|अनिल जनविजय]]([[सदस्य वार्ता:Anil janvijay|वार्ता]]) भर दें, या इसके जैसा कोई लिंक भर दें।सुमितकुमार कटारिया(वार्ता) १२:३८, १ जुलाई २००८ (UTC)

जनविजय जी महादेवी जी की जो कवितायें मैंने उनके मुखपॄष्ट से हटाईं थी वे ’नीहार’संग्रह का भाग हैं। जिसे मैं टाइप कर रहा हूँ। उन्हें दुबारा मुखपृष्ठ पर ड़ालने का क्या कारण है। -धर्मेन्द्र कुमार सिंह

जनविजय जी! मैंने नीहार संग्रह पूर्ण कर दिया है। कृपया सक्रिय प्रोजेक्टस की सूची के ’भविष्य की योजनायें’ से ’नीहार’ हटा दें। ताकि कोई और फिर से इसका टंकण न करे। धन्यवाद -धर्मेन्द्र कुमार सिंह

बच्चन जी के संग्रह ’एकांत संगीत’ की बाकी रचनाऐं टंकित करने जा रहा हूँ। पहले से टंकित रचनाओं में जो अशुद्धियाँ हैं उनको भी सुधार दूँगा। सादर - धर्मेन्द्र कुमार सिंह

कविता कोश में वार्तालाप

नमस्कार,


कविता कोश में सदस्यों के बीच वार्तालाप को सुचारु बनाने के उद्देशय से मैनें एक लेख लिखा है। कृपया इसे पढ़ें और इसके अनुसार कोश में उपलबध वार्तालाप सुविधाओं का प्रयोग करें। हो सकता है कि आप इन सुविधाओं का प्रयोग पहले से करते रहें हों -फिर भी आपको यह लेख पूरा पढ़ना चाहिये ताकि यदि आपको किसी सुविधा के बारे में पता नहं है या आप इन सुविधाओं का प्रयोग करने में कोई त्रुटि कर रहे हैं तो आपको उचित जानकारी मिल सके।


यह लेख सदस्य वार्ता और चौपाल का प्रयोग नाम से उपलब्ध है।


शुभाकांक्षी

--सम्यक १६:०६, २६ सितम्बर २००९ (UTC)

जनविजय जी! मैंने बच्चन जी के संग्रह ’एकांत-संगीत’ का टंकन पूरा कर लिया है अब आकुल अंतर की रचनाएँ टंकित करने जा रहा हूँ। सादर - धर्मेन्द्र कुमार सिंह