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"बंसत / नीरज दइया" के अवतरणों में अंतर
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आता है प्रेम बसंत की तरह | आता है प्रेम बसंत की तरह | ||
− | और प्रेम ही लाता है- | + | और प्रेम ही लाता है- बसंत। |
वर्ष में कुछ खास दिन होते हैं- | वर्ष में कुछ खास दिन होते हैं- | ||
− | जब होता है | + | जब होता है प्रेम। |
उदासी को दूर करता | उदासी को दूर करता | ||
प्रेम उदित होता है | प्रेम उदित होता है | ||
सूर्य की भांति | सूर्य की भांति | ||
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करते नहीं प्रतीक्षा | करते नहीं प्रतीक्षा | ||
फिर भी लौट-लौट आता है | फिर भी लौट-लौट आता है | ||
− | पुन: पुन: | + | जीवन में पुन: पुन: प्रेम |
− | तभी बार-बार | + | तभी लौटता है |
+ | बार-बार बसंत! | ||
+ | हर बार बसंत!! | ||
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06:30, 16 मई 2013 के समय का अवतरण
जीवन में हमारे
आता है प्रेम बसंत की तरह
और प्रेम ही लाता है- बसंत।
वर्ष में कुछ खास दिन होते हैं-
जब होता है प्रेम।
उदासी को दूर करता
प्रेम उदित होता है
सूर्य की भांति
और जगमगाता है जीवन।
करते नहीं प्रतीक्षा
फिर भी लौट-लौट आता है
जीवन में पुन: पुन: प्रेम
तभी लौटता है
बार-बार बसंत!
हर बार बसंत!!