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"एक अदहन हमारे अन्दर / अभिज्ञात" के अवतरणों में अंतर

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* [[फूटती हैं कोपलें / अभिज्ञात]]
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* [[रेह में कल्ले / अभिज्ञात]]
|रचनाकार=अभिज्ञात
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* [[कविताएँ दाँत नहीं हैं / अभिज्ञात]]
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* [[क्यों लगते हो अच्छे केदारनाथ सिंह? / अभिज्ञात]]
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हम
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जो कि एक साथ
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पूँछ और मूँछ
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दोनों की चिंता में एक साथ व्यग्र हैं
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बचाते हैं अपना घर।
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जिस पर हम
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सारी उम्र
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पतीले की तरह चढ़ते हैं।
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एक अदहन हमारे अन्दर
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खौलता रहता है निरंतर।
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19:01, 25 मई 2012 का अवतरण