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"नसीम तेरी क़बा / अली सरदार जाफ़री" के अवतरणों में अंतर
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तेरे बदन का चमन ऐसे जगमगाता है | तेरे बदन का चमन ऐसे जगमगाता है | ||
कि जैसे सैले-सहत, जैसे नूर का दामन | कि जैसे सैले-सहत, जैसे नूर का दामन | ||
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13:49, 6 नवम्बर 2009 का अवतरण
नसीम तेरी क़बा<ref>चोली</ref>, बूए-गुल<ref>फूल की महक</ref> है पैराहन<ref>वस्त्र</ref>
हया<ref>शर्म</ref> का रंग रिदाए-बहार<ref>बहार की चादर</ref> उढ़ाता है
तेरे बदन का चमन ऐसे जगमगाता है
कि जैसे सैले-सहत, जैसे नूर का दामन
सितारे डूबते हैं चाँद झिलमिलाता है
शब्दार्थ
<references/>