भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जीने की कला / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Rajeevnhpc102 (चर्चा | योगदान) |
Rajeevnhpc102 (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 26: | पंक्ति 26: | ||
* [[स्रष्टा कहीं होगा तो... / त्रिलोचन]] | * [[स्रष्टा कहीं होगा तो... / त्रिलोचन]] | ||
* [[यही लोकतंत्र है / त्रिलोचन]] | * [[यही लोकतंत्र है / त्रिलोचन]] | ||
+ | * [[तहदिल अब नहीं है / त्रिलोचन]] |
08:40, 7 नवम्बर 2009 का अवतरण
जीने की कला
रचनाकार | त्रिलोचन |
---|---|
प्रकाशक | किताबघर, 24,अंसारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली-110002 |
वर्ष | 2003 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 112 |
ISBN | 81-7016-612-x |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।