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"साजन घर आया हो / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर
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बहोत दिनां की जोवती बिरहिण पिव पाया हो।।<br> | बहोत दिनां की जोवती बिरहिण पिव पाया हो।।<br> |
19:29, 24 जून 2009 के समय का अवतरण
सहेलियाँ साजन घर आया हो।
बहोत दिनां की जोवती बिरहिण पिव पाया हो।।
रतन करूँ नेवछावरी ले आरति साजूं हो।
पिवका दिया सनेसड़ा ताहि बहोत निवाजूं हो।।
पांच सखी इकठी भई मिलि मंगल गावै हो।
पिया का रली बधावणा आणंद अंग न मावै हो।
हरि सागर सूं नेहरो नैणां बंध्या सनेह हो।
मरा सखी के आगणै दूधां बूठा मेह हो।।