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"औरतें / चंद्र रेखा ढडवाल" के अवतरणों में अंतर

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उपक्रम में अति व्यस्त
 
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इस अंतिम घड़ी में
 
बहुत-बहुत सार्थक करते  
 
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दिखते मर्द
 
दिखते मर्द

21:11, 16 जुलाई 2010 के समय का अवतरण


बाहर पंच भूतों से बने शरीर को
पाँच तत्वों में विलीन कर देने के
उपक्रम में अति व्यस्त
इस अंतिम घड़ी में
बहुत-बहुत सार्थक करते
दिखते मर्द
भीतर/बीते पल-पल को
सिमरन-माला के
मोतियों-सा घुमातीं
कुछ मन
कुछ लोक निभातीं
दहाड़ें मार-मार कर
रोती औरतें.