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"नक़्शे-ख्याल दिल से / जोश मलीहाबादी" के अवतरणों में अंतर

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मर कर भी आयेगी ये सदा क़ब्र-ए-"जोश" से <br>
 
मर कर भी आयेगी ये सदा क़ब्र-ए-"जोश" से <br>
बेदर्द मैं ने तुझको भुलाया नहीं हनोज़ <br><br>
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बेदर्द मैंने तुझको भुलाया नहीं हनोज़ <br><br>

22:44, 21 दिसम्बर 2006 का अवतरण

रचनाकार: जोश मलीहाबादी

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नक़्श-ए-ख़याल दिल से मिटाया नहीं हनोज़
बेदर्द मैंने तुझको भुलाया नहीं हनोज़

वो सर जो तेरी राहगुज़र में था सज्दा-रेज़
मैं ने किसी क़दम पे झुकाया नहीं हनोज़

महराब-ए-जाँ में तूने जलाया था ख़ुद जिसे
सीने का वो चिराग़ बुझाया नहीं हनोज़

बेहोश हो के जल्द तुझे होश आ गया
मैं बदनसीब होश में आया नहीं हनोज़

मर कर भी आयेगी ये सदा क़ब्र-ए-"जोश" से
बेदर्द मैंने तुझको भुलाया नहीं हनोज़