भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"रंग-सुगन्ध / मीठेश निर्मोही" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीठेश निर्मोही |संग्रह=चिड़िया भर शब्द / मीठेश …)
 
छो ("रंग-सुगन्ध / मीठेश निर्मोही" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
 
(कोई अंतर नहीं)

14:43, 19 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

उतना ही चाहिए रंग
रंग जाऊँ
कविता के संग

सुगन्ध उतनी ही कि
कविता महके
और व्याप जाए धरती जितनी

चिड़िया भर शब्द
चहकते रहें
उम्र भर।