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08:09, 14 दिसम्बर 2010 का अवतरण
गाँधी भारती
रचनाकार | गुलाब खंडेलवाल |
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प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | सॉनेट |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
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- गलने लगा हिमालय लज्जा से सागर चिंघाड़ रहा / गुलाब खंडेलवाल
- तुमने जीवन दिया हमें, हम तुम्हें मृत्यु दे बैठे आप; / गुलाब खंडेलवाल
- ठोकर खा गिर पडी मनुजते! कौन अश्रुकण पोंछे आज / गुलाब खंडेलवाल
- अंधकार-युग वह भारत का जब जातीय ज्योति थी क्षीण / गुलाब खंडेलवाल
- भारत मेरे स्वप्नों का वह, जिसमें सब समान, सब एक, / गुलाब खंडेलवाल
- उस दिन बोधि-वृक्ष के नीचे एक अबोध हृदय आया,, / गुलाब खंडेलवाल
- बापू की पद-चिह्न-पंक्ति-सी मिट न सकेगी धरती पर / गुलाब खंडेलवाल
- बोल 'महात्मा गाँधी की जय' छोड़ दिये कितनों ने प्राण, / गुलाब खंडेलवाल
- राजा राम अयोध्या के थे! हुए विदा जो उसको छोड़ / गुलाब खंडेलवाल
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