भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"घन-कुरंग / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
छो
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[नागार्जुन]]
+
रचनाकार: [[नागार्जुन]]
[[कवितायें]]
+
[[Category:कविताएँ]]
[[नागार्जुन]]
+
[[Category:नागार्जुन]]
  
***********************************
+
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
  
 
नभ में चौकडियां भरें भले
 
नभ में चौकडियां भरें भले
पंक्ति 25: पंक्ति 25:
 
शिशु घन-कुरंग
 
शिशु घन-कुरंग
  
लो, कब की सुधियां जगीं, आह
+
लो, कब की सुधियाँ जगीं, आह
  
 
शिशु घन-कुरंग
 
शिशु घन-कुरंग
पंक्ति 37: पंक्ति 37:
 
शिशु घन-कुरंग
 
शिशु घन-कुरंग
  
१९६४ में लिखी गई
+
 
 +
 
 +
''१९६४ में लिखी गई''

22:08, 29 अप्रैल 2007 का अवतरण

रचनाकार: नागार्जुन

~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~

नभ में चौकडियां भरें भले

शिशु घन-कुरंग

खिलवाड देर तक करें भले

शिशु घन-कुरंग

लो, आपस में गुथ गये खूब

शिशु घन-कुरंग

लो, घटा जल में गये डूब

शिशु घन-कुरंग

लो, बूंदें पडने लगीं, वाह

शिशु घन-कुरंग

लो, कब की सुधियाँ जगीं, आह

शिशु घन-कुरंग

पुरवा सिह्की, फिर दीख गये

शिशु घन-कुरंग

शशि से शरमाना सीख गये

शिशु घन-कुरंग


१९६४ में लिखी गई