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"सवाल में बवाल / काका हाथरसी" के अवतरणों में अंतर
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कुत्ता उनके साथ था पकड़ रखी जंजीर ॥ | कुत्ता उनके साथ था पकड़ रखी जंजीर ॥ | ||
− | + | पकड़ रखी जंजीर अल्शेशियन था वह कुत्ता । | |
− | पकड़ रखी जंजीर अल्शेशियन था वह कुत्ता | + | नेता से दो गुना भौंकने का था बुत्ता ॥ |
− | + | हमने पूछा, कहो, आज कैसे हो गुमसुम । | |
− | नेता से दो गुना भौंकने का था बुत्ता | + | इस गधे को लेकर कहाँ जा रहे हो तुम ॥ |
− | + | नेता बोले क्रोध से करके टेढ़ी नाक । | |
− | हमने पूछा, कहो, आज कैसे हो गुमसुम | + | कुत्ता है या गधा है, फूट गईं हैं आँख ॥ |
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− | इस गधे को लेकर कहाँ जा रहे हो तुम | + | |
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− | नेता बोले क्रोध से करके टेढ़ी नाक | + | |
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− | कुत्ता है या गधा है, फूट गईं हैं आँख | + | |
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− | फूट गईं हैं आँख, नशा करके आए हो । | + | |
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बिना बात सुबह-सुबह लड़ने आए हो ॥ | बिना बात सुबह-सुबह लड़ने आए हो ॥ | ||
− | + | हमने कहा कि कौन आपसे जूझ रहे हैं । | |
− | हमने कहा कि कौन आपसे जूझ रहे हैं । | + | |
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यह सवाल तो हम कुत्ते से पूछ रहे हैं ॥ | यह सवाल तो हम कुत्ते से पूछ रहे हैं ॥ | ||
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12:19, 18 सितम्बर 2014 का अवतरण
रिंग रोड पर मिल गए नेता जी बलवीर ।
कुत्ता उनके साथ था पकड़ रखी जंजीर ॥
पकड़ रखी जंजीर अल्शेशियन था वह कुत्ता ।
नेता से दो गुना भौंकने का था बुत्ता ॥
हमने पूछा, कहो, आज कैसे हो गुमसुम ।
इस गधे को लेकर कहाँ जा रहे हो तुम ॥
नेता बोले क्रोध से करके टेढ़ी नाक ।
कुत्ता है या गधा है, फूट गईं हैं आँख ॥
फूट गईं हैं आँख, नशा करके आए हो ।
बिना बात सुबह-सुबह लड़ने आए हो ॥
हमने कहा कि कौन आपसे जूझ रहे हैं ।
यह सवाल तो हम कुत्ते से पूछ रहे हैं ॥