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दस ग्रंथो से टीपकर पुस्तक की तैय्यार
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|रचनाकार=काका हाथरसी
उस पुस्तक पर मिल गया पुरस्कार सरकार
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|संग्रह=काका के व्यंग्य बाण / काका हाथरसी
पुरस्कार सरकार लेखनी सरपट रपटे ।
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सूझ-बूझ मौलिकता, भय से पास न फटके
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दस ग्रंथो से टीपकर पुस्तक की तैय्यार ।
जोड़-तोड़ में कुशल पहुँच है ऊँची जिसकी
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उस पुस्तक पर मिल गया पुरस्कार सरकार ॥
 
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पुरस्कार सरकार लेखनी सरपट रपटे ।
धन्य होय साहित्य बोलती तूती उसकी
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सूझ-बूझ मौलिकता, भय से पास न फटके ॥
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जोड़-तोड़ में कुशल पहुँच है ऊँची जिसकी ।
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धन्य होय साहित्य बोलती तूती उसकी ॥
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12:05, 18 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण

दस ग्रंथो से टीपकर पुस्तक की तैय्यार ।
उस पुस्तक पर मिल गया पुरस्कार सरकार ॥
पुरस्कार सरकार लेखनी सरपट रपटे ।
सूझ-बूझ मौलिकता, भय से पास न फटके ॥
जोड़-तोड़ में कुशल पहुँच है ऊँची जिसकी ।
धन्य होय साहित्य बोलती तूती उसकी ॥