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"गजब की दिवाली / दीनदयाल शर्मा" के अवतरणों में अंतर
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भड़ाम से बोला | भड़ाम से बोला | ||
बम फटा था । | बम फटा था । | ||
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सर्र-सर्र से | सर्र-सर्र से | ||
चक्करी चलती | चक्करी चलती | ||
फर्र-फर्र | फर्र-फर्र | ||
फुलझड़ी फर्राटा । | फुलझड़ी फर्राटा । | ||
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सूँ-सूँ करके | सूँ-सूँ करके | ||
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ऐसे लगा, मानो | ऐसे लगा, मानो | ||
जादू चला था । | जादू चला था । | ||
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फटाक-फटाक | फटाक-फटाक | ||
चली जो गोली | चली जो गोली | ||
ऐसा भी | ऐसा भी | ||
पिस्तौल बना था । | पिस्तौल बना था । | ||
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ऐसी ग़ज़ब की | ऐसी ग़ज़ब की | ||
हुई दिवाली | हुई दिवाली | ||
किलकारी का | किलकारी का | ||
शोर मचा था । | शोर मचा था । | ||
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हुर्रे-हुर्रे, का | हुर्रे-हुर्रे, का | ||
शोर मचाकर | शोर मचाकर | ||
बच्चों का टोला | बच्चों का टोला | ||
झूम रहा था । | झूम रहा था । | ||
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जगमग हो गई | जगमग हो गई | ||
दुनिया सारी | दुनिया सारी |
11:52, 28 सितम्बर 2010 का अवतरण
धूम धड़ाका
बजे पटाखा
भड़ाम से बोला
बम फटा था ।
सर्र-सर्र से
चक्करी चलती
फर्र-फर्र
फुलझड़ी फर्राटा ।
सूँ-सूँ करके
साँप जो निकला
ऐसे लगा, मानो
जादू चला था ।
फटाक-फटाक
चली जो गोली
ऐसा भी
पिस्तौल बना था ।
ऐसी ग़ज़ब की
हुई दिवाली
किलकारी का
शोर मचा था ।
हुर्रे-हुर्रे, का
शोर मचाकर
बच्चों का टोला
झूम रहा था ।
जगमग हो गई
दुनिया सारी
ख़ुशियों का पहिया
घूम रहा था ।