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"बंद हुयां पछै / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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<poem>बराबर आळै घर में
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बराबर आळै घर में
 
कुण चालतो रह्यो ?
 
कुण चालतो रह्यो ?
 
     -म्हांनै कांई ठाह !
 
     -म्हांनै कांई ठाह !

17:01, 27 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

बराबर आळै घर में
कुण चालतो रह्यो ?
     -म्हांनै कांई ठाह !

सामलै घर में
थाळी कियां बाजी ?
      -म्हांनै कांई ठाह !

होळी-दियाळी
रामां-सामां करो ?
     -म्हारै कांई अड़ी है !

चढ़ती-उतरती में
सुख-दुख री पूछो ?
     -म्हांनै कांई पड़ी है !

म्हैं बक्सै रा बावळा
बक्सै री दुनिया में बंद हुयां पछै
बारली दुनिया में कांई पड़ियो है !