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"होली आई / शिवराज भारतीय" के अवतरणों में अंतर

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18:49, 15 मार्च 2011 के समय का अवतरण


होली आई होली आई
हर चेहरे पर मस्ती छाई

कहीं चंग पर गीत सुरीले
झूमें कहीं जवान सजीले,
सजधज कर के ठुमक-ठुमक
महरी बनकर नाचे भाई
होली आई होली आई

बनकर राधा-कृष्ण कन्हाई
रास रचाते लोग-लुगाई,
रामू और कुलविंदर के संग
भंगड़ा करता असगर भाई
होली आई होली आई।
ढमक-ढमक ढोलक बोली
आओ मिलकर खेलें होली,
रंग-अबीर गुलाल मले सब
पिचकारी ने धूम मचाई
होली आई होली आई।