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सदस्य वार्ता:अनिल जनविजय

335 bytes removed, 13:20, 20 दिसम्बर 2010
सादर नमस्कार अनिल जी ! श्री कन्हैया लाल सेठीया जी का राजस्थानी कविता संग्रह ‘‘लीलटांस’’ सम्पूर्ण कर दिया गया है। कृपया आप उसे सुरक्षित कर देवें। !
 
== सादर नमस्कार् अनिल जी ==
 
अगर आप ऑनलाईन है तो क्या मैं आपसे लाईवचैट कर सकता हुं। मुझे कविताकोश सम्बन्धी कुछ और जानकारी चाहीए है।
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