भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
*[[ज़िन्दगी मरने से घबराती भी है / गुलाब खंडेलवाल ]]
*[[ज़िन्दगी में यह सवाल उठता है अक्सर, क्या करें! / गुलाब खंडेलवाल ]]
*[[जीने का कोई हासिल न मिला आखिर आख़िर यह उम्र तमाम हुई / गुलाब खंडेलवाल ]]
*[[जो यहाँ पे आये थे सैर को, नहीं फिर वे लौटके घर गये / गुलाब खंडेलवाल ]]
*[[जो सच कहें तो ये कुल सल्तनत हमारी है / गुलाब खंडेलवाल ]]
2,913
edits