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मोरे मम्मा ने भेजी|
देखो मिठाई है कितनी गुरीरी|,
घी की बनी है और रंग की है पीरी|
माईं ने ममता मिलाई रे,
मोरे मम्मा ने भेजी|
काजू डरे हैं और किसमिस डरी है|,
पिस्ता की रंगत तो कैसी हरी है|
सिंदूरी केसर मिलाई रे|,
मोरे मम्मा ने भेजी|
नाना ने मीठे के डिब्बा बनाये|,
नानी ने रेशम के धागे बंधाये|
जी भरकें आशीष भिजवाई रे,
मोरे मम्मा ने भेजी|
डिब्बा में निकरीं हैं सतरंगी चिठियां|,
चिठियों में लिक्खी कैसी मीठी बतियां|
चांदी सी चमके लिखाई रे|,
मोरे मम्मा ने भेजी|
बेसन की मिठाई है आई रे,
मोरे मम्मा ने भेजी|</poem>
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