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सांग /किस्सा – महात्मा बुद्ध & (अनुक्रमांक-15 )
जवाब – सिद्धार्थ का।
'''नाम देवदत निश्चर बुद्धि, मुर्ख-मूढ़ ग्वार तेरी,''''''बिना भजन माणस की जूनी, पशुआं तै बेकार तेरी ।। टेक ।।'''
अपणी बड़ाई और की निंदा, भला किसे का चाह्या ना,
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