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तरकश / ऋषभ देव शर्मा

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|रचनाकार=ऋषभ देव शर्मा
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*[[अब न बालों और गालों की कथा लिखिए / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[मैं हिंदू हूँ मैं मुस्लिम हूँ मैं मस्जिद मैं मंदिर हूँ / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[बौनी जनता, ऊंची कुर्सी, प्रतिनिधियों का कहना है / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[धुंध है घर में उजाला लाइए / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[आदमकद मिल जाए कोई दल-दल द्वार-द्वार भटका / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[हटो, यह रास बंद करो / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[उगी रोटियाँ देख बाली गेहूँ की / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[शक्ति का अवतार हैं ये रोटियाँ / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[यह नए दिन का उजाला देख लो / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[कुछ लोग जेब में उसे धर घूम रहे हैं / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[जब नसों में पीढियों की, हिम समाता है / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[हर दिन बड़ा है आपका अपना न एक दिन / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[एक ऊँचा तख्त जिस पर भेड़िया आसीन है / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[एक नेता मंच पर कल रो पड़ा / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[किसी को भून डालें वे हाथ में स्टेनगन लेकर / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[पुरखों ने कर्ज़ लिया, पीढ़ी को भरने दो / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[कच्ची नीम की निंबौरी, सावन अभी न अइयो रे / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[माला-टोपी ने मिल करके कुछ ऐसा उपचार किया / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[हँस के हरेक ज़हर को पी जाय फकीरा / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[एक बड़े ऊँचे फाटक से आग उठी, सडकों लहरी / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[
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