भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तरकश / ऋषभ देव शर्मा

39 bytes added, 16:51, 26 अप्रैल 2009
*[[धार लगा कर सब आवाजें, आरी करनी हैं / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[औंधी कुर्सी, उस पर पंडा / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[कुर्ते की जेबें खाली हैं,औ' फटा हुआ है पाजामा /ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[मानचित्र को चीरती, मज़हब की शमशीर / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[सभी रंग बदरंग हैं, कैसे खेलूँ रंग? / ऋषभ देव शर्मा ]]