भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
और फिर वो भी ज़बानी मेरी<br><br>
ख़लिशेख़लिश-ए-ग़्मज़ा-ए-खूँरेज़ ना पूछ<br>
देख खुनबफ़िशानी मेरी<br><br>
रुक गया देख रवानी मेरी<br><br>
क़द्रेक़द्र-संगे-सरेसंग-ए-सर-ए-राह रखता हूँ<br>
सख़्त अर्ज़ान है गिरानी मेरी<br><br>
कर दिया ज़ौफ़ ने अज़ीज़ "ग़ालिब"<br>
नंगेनंग-ए-पीरी है जवानी मेरी<br><br>
Mover, Uploader
752
edits