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[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
दोस्त बन कर भी नहीं साथ निभानेवाला
वही अन्दाज़ है ज़ालिम <ref>अत्याचारी</ref>का ज़मानेवाला
अब इसे लोग समझते हैं गिरफ़्तार मेरा
सख़्त नादिम<ref>लज्जित</ref> है मुझे दाम<ref>जाल, बंधन</ref> में लानेवाला
दोस्त बन कर भी नहीं साथ निभानेवाला <br>वही अन्दाज़ है ज़ालिम सुबह-दम छोड़ गया निक़हते-गुल<ref>अत्याचारीगुलाब की ख़ुश्बू की तरह</ref>का ज़मानेवाला की सूरतरात को ग़ुंचा-ए-दिल<brref>दिल की कली<br/ref> में सिमट आने वाला
अब इसे लोग समझते हैं गिरफ़्तार मेरा <br>सख़्त नादिमक्या कहें कितने मरासिम<ref>लज्जितमेल-जोल</ref> थे हमारे उससे वो जो इक शख़्स है मुझे दाम<ref>जाल, बंधन</ref> में लानेवाला <br><br>मुँह फेर के जानेवाला
सुबह-दम छोड़ गया निक़हते-गुल<ref>गुलाब की ख़ुश्बू की तरह</ref> की सूरत<br>तेरे होते हुए आ जाती थी सारी दुनिया रात को ग़ुंचा-ए-दिल<ref>दिल की कली</ref> में सिमट आने वाला<br><br>आज तन्हा हूँ तो कोई नहीं आनेवाला
क्या कहें कितने मरासिममुंतज़िर<ref>मेल-जोलप्रतीक्षारत</ref> थे हमारे उससे <br> किसका हूँ टूटी हुई दहलीज़ पे मैं वो जो इक शख़्स कौन आयेगा यहाँ कौन है मुँह फेर के जानेवाला <br><br>आनेवाला
तेरे होते हुए आ जाती थी सारी दुनिया मैंने देखा है बहारों<brref>वसंत ऋतुओं </ref> में चमन को जलते आज तन्हा हूँ तो है कोई नहीं आनेवाला ख़्वाब की ताबीर<brref>स्वप्नफल<br/ref> बतानेवाला
मुंतज़िरक्या ख़बर थी जो मेरी जान में घुला है इतना है वही मुझ को सर-ए-दार<ref>प्रतीक्षारतसूली तक</ref> किसका हूँ टूटी हुई दहलीज़ पे मैं <br>कौन आयेगा यहाँ कौन है आनेवाला <br><br>भी लाने वाला
मैंने देखा है बहारों<ref>वसंत ऋतुओं </ref> में चमन को जलते <br>है कोई ख़्वाब की ताबीर<ref>स्वप्नफल</ref> बतानेवाला <br><br> क्या ख़बर थी जो मेरी जान में घुला है इतना <br>है वही मुझ को सर-ए-दार<ref>सूली तक</ref> भी लाने वाला <br><br> तुम तक़ल्लुफ़<ref>औपचारिकता</ref> को भी इख़लास<ref>प्रेम</ref> समझते हो "फ़राज़" <br>दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलानेवाला <br><br>
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