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करने को हम भी करते हैं सूद-ओ-ज़ियाँ <ref>लाभ-हानि</ref>की बात
ना-आश्ना-ए-बर्क़े-नतायज<ref>परिणामों के वज्रपात से अपरिचित</ref> है बर्क़<ref>बिजली</ref> नतायज<ref>परिणाम</ref> से बेनियाज़<ref>अनभिज्ञ</ref>
सुनते कहाँ हैं अहले-चमन बाग़बाँ की बात