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मोटर-गाडियों के जबड़े से
अपनी टांग छुडाई
मर्दाने अंगों से बचातेबचते-बचाते
खायी में फिसली-गिरी
पुलिस-भैया के बहकावे में
मर्दानी दुर्गन्ध से सराबोर हुई
मतली-उल्टी से जार-जार हुई
आखिरकार, सूखी नाली में चलती हुई
महफूज़ हुई