भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आशिक़ी बेदिली से मुश्किल है / फ़राज़" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
छो
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
 
|रचनाकार=अहमद फ़राज़
 
|रचनाकार=अहमद फ़राज़
 +
|संग्रह=
 
}}
 
}}
[[Category:गज़ल]]
+
[[Category:ग़ज़ल]]
 +
 
  
 
आशिक़ी बेदिली से मुश्किल है <br>
 
आशिक़ी बेदिली से मुश्किल है <br>

00:51, 28 जनवरी 2008 का अवतरण


आशिक़ी बेदिली से मुश्किल है
फिर मुहब्बत उसी से मुश्किल है

इश्क़ आग़ाज़ ही से मुश्किल है
सब्र करना अभी से मुश्किल है

हम आसाँ हैं और हमारे लिये
दुश्मनी दोस्ती से मुश्किल है

जिस को सब बे-वफ़ा समझते हों
बेवफ़ाई उसी से मुश्किल है

एक दो दूसरे से सहेल न जान
हर कोई हर किसी से मुश्किल है

तू बा-ज़िद है तो जा "फ़राज़" मगर
वापसी उस गली से मुश्किल है