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"सपने / पूरन मुद्गल" के अवतरणों में अंतर

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21:39, 27 दिसम्बर 2010 के समय का अवतरण

मैंने
सपनों के गुब्बारे
उड़ाए

वे / आकाश में
विलीन हो गए

फिर

इतना संतोष / कि वे कभी
कहीं तो उतरेंगे ।