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"अकाट्य है / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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अकाट्य है :
जन्म पाकर जिए जाने का यह तर्क :
पहाड़ पर
शिलांत तक जड़ें गाड़कर
वनस्पतियों के हरियाने का यह तर्क

रचनाकाल: २०-०३-१९६२