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"हम आदमी नहीं / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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15:29, 9 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

हम
आदमी नहीं,
लिबास में
आदमी हैं।
यह लिबास
‘सरकसी’ जानवरों का है
जो
हमें
अपनी नसल का
समझते हैं।

रचनाकाल: १९-०९-१९६९